मार्किंग मीडिया व इसके विभिन्न प्रकार (Marking Media and its Different Types)
जब धातु पर खींची गई लाइनें ठीक से दिखाई नहीं देतीं, तो जॉब पर मार्किंग मीडिया लगा दिया जाता है। मार्किंग मीडिया निम्न प्रकार के होते हैं—
1. सफेद रंगाई
2. पर्शियन ब्लू
3. नीले थोथे का घोल
4. ले-आउट डाई
1. सफेद रंगाई (White wash)
जॉब की सतह पर सफेद रंगाई करने के लिए कई प्रकार के घोल बनाए जाते हैं, जैसे
(i) साधारण चॉक का पानी में घोल ।
(ii) साधारण चॉक का मिथाइलेटेड स्प्रिट में घोल तथा
(iii) सफेद लैड पाउडर का तारपीन के तेल में घोल। सफेद रंगाई सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला मार्किंग मीडिया है। इसका प्रयोग कास्टिंग या फोर्जिंग की गई सतहों पर मार्किंग करने के लिए किया जाता है। लोहे की सतह पर इसके द्वारा लेप की मोटी सतह बनती है, जिस कारण यह महीन कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। अतः महीन कार्यों के लिए स्प्रिट या तारपीन के तेल में बने घोल का ही प्रयोग करना चाहिए।
2. पर्शियन ब्लू (Pursian blue)
इसका प्रयोग मशीनिंग की गई सतहों पर किया जाता है। पर्शियन ब्लू की बहुत बारीक पर्त, जॉब की सतह पर फैलती है, अत: इसके द्वारा प्राप्त मार्किंग बहुत स्पष्ट तथा यथार्थ होती है, परन्तु इसके लेप को सूखने में बहुत अधिक समय लगता है।
3. नीले थोथे का घोल (Copper sulphate solution)
नीला थोथे को पानी में घोलने पर एक नीले रंग का घोल प्राप्त होता है। इसे अधिक क्रियाशील बनाने के लिए इसमें कुछ बूँदें सल्फ्यूरिक एसिड अथवा नाइट्रिक एसिड की मिला दी जाती हैं। इस घोल को मार्किंग की सतह पर लगाने से यह सतह को कॉपर के रंग इसका प्रयोग केवल स्टील * बदल देता है। जॉब के लिए किया जाता है। इस पर बहुत यथार्थता से मार्किंग की जा सकती है। यह लेप लगाने से पहले सतहों से ग्रीस, ऑयल आदि साफ कर देना चाहिए।
4. ले-आउट डाई (Lay-out die)
यह एक प्रकार की नीले रंग की स्याही होती है, जिसे धातु की सतह पर फैला दिया जाता है। यह जल्दी ही सूख जाती है। इसके द्वारा मार्किंग बहुत साफ-सुथरी होती है। ले-आउट डाई लगाने से पहले सतह को साफ कर लेना चाहिए।