इलैक्ट्रिक शाक से बचने के उपाय क्या है?
शॉक (Shock) कैसे लगता है शॉक लगने पर शरीर पर क्या असर पड़ता है ?
Circuit completes so man gets shock
1. शॉक से बचने की पहली विधि है हर बिजली के बॉक्स, स्विच, सॉकेट तथा उपकरणों पर सावधानी से काम करो। काम करते समय केवल उधर ही ध्यान दो और कुछ मत सोचो।
2. गोले कपड़ों या गीले हाथों से बिजली का कार्य न करें।
3. टूटे-फूटे बॉक्स, स्विच, सॉकेट उपकरणों या उनकी खराब हुई या सड़ी हुई तारों को कभी भी काम में न लाओ।
4. टूटे स्विच, प्लगों या सॉकेटों को एकदम बदल दो।
5. देख लो कि सभी उपकरणों के धातु के बने खोल (Box) अर्थ किए हुआ है ।
6. सॉकेट में प्लग की नंगी तारें न लगाओ प्लग टाप फिट करो। 7. देख लो कि सभी Safety Devices (Earthing Fuse) ठीक प्रकार काम कर रही हैं।
8. हाथ के औजार ठीक हालत में हों।
9. फ्यूज आदि ठीक रेटिंग के लगे हों।
10. लाइव सॉकेट को कभी भी बिना वजह मत खोलो।
यदि किसी इलैक्ट्रीशियन को सख्त शॉक लगा है तो उसे इलाज का तरीका -
यह इलैक्ट्रिशियन अभी तक गर्म तार या उपकरण से चिपका हुआ है, तो उसे सबसे पहले उस उपकरण से अलग करने के लिए
1. स्विच बंद करो, यदि वह पास न हो तो
2. प्लग को सॉकेट से अलग करो, यदि ऐसा भी न हो तो।
3. किसी रबर मैट, सूखी लकड़ी या कपड़ों से, पहले अपने आप को इन्सूलेट कर लो और फिर मरीज को अलग कर दो।
मरीज को अलग करने के लिए लकड़ी से अपने से दूर धक्का दिया जा सकता है।
गर्म तार से अलग होने के पश्चात् यदि कपड़ों से चिंगारियाँ निकल रहीं हों तो उन्हें बुझा देना चाहिए। यह निश्चित कर लो कि मरीज सांस ले रहा है कि नहीं। डॉक्टर को बुलावा भेजो। जब तक डॉक्टर आए कृत्रिम सांस दिलवाने की कोशिश करो। (इसके लिए निम्न विधियाँ हैं जिससे विस्तार से इस अध्याय में पहले से बताया गया है) ।