ITI / CITS Engineering Drawing book
LECTURE-3
बिन्दु (Point)
जिसमे लंबाई, चौड़ाई या मोटाई नहीं होती है ,उसे बिंदु कहते है । यह एक निश्चित स्थान दर्शाता है।
रेखा(Line)
बहुत से बिंदुओं से मिलकर बने बिंदुओं के समूह को रेखा कहते है। इसमें केवल लंबाई होता है ।
ज्यामिति के आधार पर रेखाओं के प्रकार
सीधी रेखा
दो बिंदुओं के बीच न्यूनतम दुरी को सीधी रेखा कहते है । इसमें केवल लंबाई होता है ।
क्षेतिज रेखा ( Horizontal Line)
क्षेतिज तल के समांतर खिंची गई रेखा हो क्षेतिज रेखा कहते है।
ऊर्ध्वाधर रेखा (Vertical Line)
क्षेतिज ताल के लम्बवत खिंची गई रेखा को ऊर्ध्वाधर रेखा कहते है।
तिरछी रेखा
वैसी रेखा जो न तो क्षेतिज और न ही ऊर्ध्वाधर हो , उसे तिरछी रेखा कहते है ।
वक्रीय रेखाए (Curved Line)
बिंदुओं का वैसा मार्ग जो निरंतर अपनी दिशा बदलती रहती है। उसे वक्रीय रेखा कहते है ।
समान्तर रेखाए (Parallel Line)
वैसी रेखाओ का समूह जो एक ही तल में हो और वे एक दूसरे को कभी न काटती हो , उसे समान्तर रेखा कहते है ।
लम्ब रेखाए (Perpendicular Line)
दो रेखाए एक दूसरे को 90° पर काटे और 90° पर स्थित रेखा को लम्ब रेखा कहते है ।
किरण (Ray)
बिंदुओं का समूह जिसका शुरुवाती बिंदु हो लेकिन अन्तिम बिंदु न हो , उसे किरण कहते है।
अर्थात , वैसी रेखा जिसका शुरुवाती बिंदु हो लेकिन अंतिम बिंदु न हो उसे किरण कहते है ।
कोण (Angle)
दो रेखाओं के मिलने से जो झुकाव पैदा होता है , उसे कोण कहते है ।
कोण के प्रकार
न्यूनकोण (Acute angle)
वैसा कोण जिसका माप 0° से अधिक तथा 90° से कम हो उसे न्यूनकोण कहते है।
समकोण (Right Angle)
जिस कोण का मैप 90° हो , उसे समकोण कहते है।
अधिक कोण (Obtuse Angle)
जिस कोण का माप 90° से अधिक 180° से कम हो ,उसे अधिक कोण कहते है।
ऋजु कोण (Straight Angle)
जिस कोण का माप 180° के बराबर होता है ,उसे ऋजु कोण कहते है ।
पूरक कोण (Complementary Angle)
वे कोण जिसका योग 90° हो , उसे पूरक कोण कहते है ।
जैसे:- (40°+50°),(60°+30°) इत्यादि ।
सम्पूरक कोण (Supplementary Angle)
वे कोण जिसके कोणों का योग 180° हो ,उसे सम्पूरक कोण कहते है।
जैसे:- (110°+70°),(90°+90°) इत्यादि ।